स्कूलों में स्पोर्ट सामग्री क्रय किये जाने की आड़ में कमीशनख़ोरी का गंदा खेल!

 प्रधानाध्यापकों से बिना फर्म का नाम लिखे चेक मांग रहे अधिकारी


हरदोई। बेसिक शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार से शिक्षक ही नही आम जनमानस भी परेशान है। इस बार परिषदीय स्कूलों में क्रय की जाने वाली स्पोर्ट्स सामग्री में भ्रष्टाचार की शिकायतें शुरू हो गयी हैं। आरोप है कि प्रधानाध्यापकों से बिना फर्म का नाम लिखे चेकें ली जा रही हैं, जिससे बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी अपने रिश्तेदारों की चुनिंदा फर्म को मालामाल कर सकें। 

हालांकि स्कूलों में स्पोर्ट्स सामग्री क्रय की जानी हो या कुछ और इसका अधिकार केवल विद्यालय प्रबंध समिति (SMC) को ही होता है। इस समिति का अध्यक्ष अभिभावक व सचिव प्रधानाध्यापक होता है। 

जबकि विभागीय अधिकारी भ्रष्टाचार व कमीशनख़ोरी को बढ़ावा देने के लिए निरंतर समिति में हस्तक्षेप करते रहते हैं। प्रधानाध्यापकों से ब्लैंक चेक के माध्यम खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से बेसिक शिक्षा अधिकारी कमीशन का गंदा खेल खेलते हैं। शासन-प्रशासन को प्रेषित शिक़ायती पत्र में किशन वर्मा का आरोप है कि सत्र 2021-22 में घटिया व निम्न गुणवत्ता की सपोर्ट सामग्री की आपूर्ति गुपचुप तरीका से की जा रही है। 

जिले के टोडरपुर व भरखनी ब्लॉक में प्रधानाध्यापकों से बगैर फर्म का नाम लिखी हुई चेक देने का अनैतिक दबाव बनाया जा रहा है। इसी तरहं जिले भर में स्पोर्ट सामग्री के नाम पर विभागीय अधिकारी मानक के विपरीत मनचाही फर्म से क्रय कराकर कमीशनखोरी करेंगे।

इस संबंध में जब बीएसए से उनका पक्ष जानने के लिए कॉल की गई तो उन्होंने फोन कॉल रिसीव नही किया।

रिपोर्ट: हरिश्याम बाजपेयी

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